बागेश्वर बाबा फिर एक बार विवादों में, चुनौती मिलने पर दो दिन पहले ही छोड़ दिया था नागपुर Chatarpur Bageshwar dham


छतरपुर - बागेश्वर धाम सरकार छतरपुर के महंत श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर विवादों के घेरे में है। और विवाद भी उनके द्वारा चमत्कारिक और दिव्य शक्तियों को साबित करने को लेकर है। दअरसल महंत श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बीते 5 से 11 जनवरी तक नागपुर के रेशमबाग ग्रांउड में दिव्य दरबार और श्रीराम चरित्र कथा का आयोजन किया गया था। इस दौरान नागपुर की अंध श्रृद्धा निर्मूलन समिति ने उन्हें चैलेंज दिया है कि बाबा जी अपनी शक्तियों को आम जनता के सामने साबित करें। जिसके बाद कार्यक्रम समाप्त होने के दो दिन पहले ही बागेश्वर धाम के महत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री नागपुर छोड़ भाग आए थे। अब समिति ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराने की बात कही है।

हम तो बालाजी के सेवक है - महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने द्वारा दिव्य दरबार को लेकर नागपुर में मिली चुनौती और दो दिन पहले रामकथा समाप्त करने को लेकर मीडिया के सामने आकर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि हमें किसी भी प्रकार के प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। हमें बालाजी सरकार पहले ही प्रमाण दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि हम सालों से बोल रहे हैं कि न हम कोई गुरू हैं और न ही हम कोई चमत्कारी हैं। हम तो अपने बागेश्वर बालाजी के सेवक हैं, जैसी प्रेरणा मिलती है हम वैसा ही करते हैं। हमने आगामी सभी कथाओं के समय को 2-2 दिन कम किया है। दरबार यथावत रहेगा, क्योंकि यह बालाजी की प्रेरणा से लगता है।

शक्तियां साबित करने मिली थी चुनौती -
नागपुर से 2 दिन पहले भागने के आरोप पर उन्होंने कहा है कि उनका नागपुर में उतने ही दिन का कार्यक्रम था इसलिए लौट आये हैं भागकर नहीं आये हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा महाराष्ट्र के नागपुर में हो रही थी। वहां दरबार भी लगाया जाना था लेकिन तभी अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सदस्य एवं प्रसिद्ध एक्टि विस्ट प्रा.श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चमत्कारिक शक्तियों का दावा साबित करने की चुनौती दी थी। समिति के सदस्यों का आरोप है की धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दावा स्वीकार नहीं किया और भाग गए हैं। अगर अन्धविश्वास उन्मूलन समिति के सदस्यों को चुनौती देनी हो तो वो बागेश्वर धाम आ सकते हैं।


यह सब होता रहता है -
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने तीखी प्रतिक्रिया व चुनौती देने वालों को जवाब देते हुए कहा है कि हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार…
एफआईआर की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता, हमें तो कल ही पता चला था। ये सब होता रहता है। ये कोई नई बात नहीं है। भारत के इतिहास में जिसने भी सनातन धर्म की बात मजबूती से उठाई है, उसके पीछे आदिकाल से ही धर्म विरोधी लोग लगे रहे हैं। आगे भी लगते रहेंगे। उन्होंने अपनी चिरपरिचित स्टाइल में कहा कि सनात विरोधियों की ठठरी… हमें कोई दिक्कत नहीं है! जय बालाजी महाराज !!


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